दुर्ग। भिलाई के जुनवानी इलाके से एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठगी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। दुर्ग पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो महिलाओं सहित कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को निशाना बनाकर अब तक करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका था। एसएसपी विजय अग्रवाल ने इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ठग गिरोह तकनीकी तरीके से विदेशियों को फंसाकर उनसे डॉलर ऐंठते थे।
फ्लैट से चल रहा था अंतरराष्ट्रीय ठगी का रैकेट
दुर्ग पुलिस को सूचना मिली थी कि भिलाई के चौहान टाउन स्थित एक फ्लैट (B2) से ऑनलाइन ठगी की गतिविधियां संचालित हो रही हैं। सूचना पर तत्काल एक टास्क फोर्स गठित कर पुलिस ने छापामार कार्रवाई की और मौके से दो महिलाओं सहित कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपने अपराध को स्वीकार करते हुए ठगी का पूरा तरीका बताया।
वायरस हटाने के बहाने लोगों को फंसाते थे
गिरोह का मास्टरमाइंड अर्जुन शर्मा एक होटल में ठहरा हुआ था, जिसे पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर गिरफ्तार किया। पूछताछ में यह सामने आया कि आरोपी फर्जी इंटरनेशनल मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर अमेरिका और कनाडा के लोगों के मोबाइल और कंप्यूटर में वायरस भेजते थे। फिर वायरस हटाने के नाम पर टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए उनसे संपर्क करते और 80 से 200 डॉलर तक की ठगी करते थे।
डॉलर ई-वॉलेट में लेकर क्रिप्टो में बदलते थे
ठगी के दौरान पीड़ितों से मिले डॉलर ई-वॉलेट के माध्यम से लिए जाते थे, जिन्हें बाद में क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर सीधे अर्जुन शर्मा के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था। बदले में अर्जुन शर्मा अपने गिरोह के सदस्यों को ग्राहक सेवा का काम करने पर 25 से 30 हजार रुपये तक की मासिक सैलरी देता था।
लाखों का सामान बरामद, मास्टरमाइंड की तलाश जारी
पुलिस ने आरोपियों के पास से 12 कंपनियों के लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, इंटरनेट वाई-फाई राउटर, दर्जनों बैंकों के पासबुक, एटीएम, क्रेडिट कार्ड और 3.38 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। गिरफ्तार सभी आरोपी शिलांग (मेघालय) और बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस का अनुमान है कि यह गिरोह अब तक अमेरिका और कनाडा के सैकड़ों नागरिकों से करोड़ों की ठगी कर चुका है। फिलहाल दुर्ग पुलिस इस पूरे नेटवर्क के मुख्य सरगना की तलाश में जुटी है।