रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड) घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित IAS रानू साहू और माया वारियर के करीबी DMF वेंडर मनोज कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार किया है।
11-12 करोड़ की वसूली का आरोप
सूत्रों के अनुसार, मनोज कुमार द्विवेदी ने ठेकेदारों को काम दिलाने के नाम पर लगभग 11-12 करोड़ रुपये की वसूली की। इन पैसों को माया वारियर के जरिए रानू साहू तक पहुंचाने का आरोप है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि मनोज द्विवेदी उदगम सेवा समिति नामक एनजीओ का संचालन करता है और उसने DMF के काम दिलाने के बहाने करोड़ों रुपये कमाए।
DMF घोटाले का सच
प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120B और 420 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच में पाया गया कि कोरबा जिले के माइनिंग फंड से टेंडर आवंटन में बड़े स्तर पर आर्थिक अनियमितताएं हुई हैं। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया, और घोटाले के तहत अधिकारियों ने 40% तक की कमीशन ली।
पद के दुरुपयोग के आरोप
ED की जांच में यह भी सामने आया कि निलंबित IAS रानू साहू और अन्य अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निजी कंपनियों से 15-20% तक कमीशन लिया।
पहले माया वारियर हो चुकी हैं गिरफ्तार
रानू साहू ने जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा और उसके बाद फरवरी 2023 तक रायगढ़ की कलेक्टर के रूप में कार्य किया। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। DMF फंड की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को दी गई, जिसमें घोटाले के प्रमाण मिलने के बाद माया वारियर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।