रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, उनके बेटे कवासी हरीश, और तत्कालीन ओएसडी जयंत देवांगन से पूछताछ शुरू कर दी है। ईडी ने तीनों को पूछताछ के लिए तलब किया था।
ईडी की कार्रवाई:
28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके पुत्र के निवास पर छापा मारा गया, जिसमें नकद लेन-देन के सबूत मिलने का दावा किया गया। ईडी ने संपत्ति की जानकारी देने के लिए आज तक का समय दिया था।
कवासी लखमा का बयान:
ईडी कार्यालय जाने से पहले कवासी लखमा ने कहा,
- “जो भी कानून का फैसला होगा, मुझे मंजूर है। कानून से बाहर नहीं जाऊंगा।”
- उन्होंने इसे सरकार की साजिश बताते हुए कहा, “जब तक मेरी सांस है, बस्तर की आवाज उठाता रहूंगा। यह कार्रवाई मुझे दबाने के लिए की जा रही है।”
- उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी बस्तर में चुनाव नहीं जीत पाई, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
कवासी हरीश का बयान:
कवासी हरीश ने कहा, “मेरे पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ। सभी को पता है कि छापा क्यों पड़ा। मैं बाद में अपनी बात रखूंगा।”
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप:
कवासी लखमा ने इस कार्रवाई को बस्तर में उनकी लोकप्रियता और बीजेपी की हार से जोड़ते हुए कहा कि यह सब उन्हें दबाने के लिए किया जा रहा है। वहीं, ईडी ने जांच को लेकर अभी कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है।