Jagannath Rath Yatra : दुनिया में हर कोई बीमार होता है, चाहे वो इंसान हो या देवता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ भी ज्येष्ठ महीने की भीषण गर्मी से अत्यधिक स्नान करने के कारण बीमार हो जाते हैं। शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र को 108 कलशों से स्नान कराया गया।
पुजारियों का कहना है कि भगवान जगन्नाथ को भी ज्येष्ठ महीने की गर्मी सहन नहीं होती, इसलिए उन्हें यह खास स्नान कराया जाता है। इसके बाद भगवान बीमार हो जाते हैं और उन्हें 15 दिनों तक काढ़े का भोग लगाया जाता है।
भगवान को बीमारी से राहत दिलाने के लिए 15 दिनों तक उन्हें औषधीय काढ़ा पिलाया जाएगा। यह काढ़ा स्वर्ण भस्म, केसर, इलायची, अदरक, हल्दी, सौंठ, कालीमिर्च, जायफल, अजवाइन और करायत जैसी औषधियों से बनाया जाएगा।
जगन्नाथ मंदिर की परंपरा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ 15 दिनों के बाद स्वस्थ होंगे और 6 जुलाई को नैनोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन भगवान के नेत्र खोलने की रस्म निभाई जाएगी और महाआरती करके प्रसाद वितरित किया जाएगा।
यह त्यौहार भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और देशभर के जगन्नाथ मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाता है।