प्रधानमंत्री आवास योजना में गबन: कोरबा में 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर, दो बर्खास्त

रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कोरबा जिले में हुए 86 लाख रुपये के गबन के मामले में जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। इस घोटाले में शामिल तीन ठेकेदार, दो पूर्व रोजगार सहायक और एक पूर्व आवास मित्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।

बर्खास्तगी और एफआईआर

गबन के आरोप में पूर्व रोजगार सहायक प्रकाश चौहान और किरण महंत को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, ठेकेदार मेघनाथ विश्वकर्मा, राजाराम चौहान (ग्राम सिमकेदा), लखनलाल बैगा (ग्राम श्यांग), पूर्व रोजगार सहायक प्रकाश चौहान (ग्राम श्यांग), किरण महंत (ग्राम सोल्वा), और पूर्व आवास मित्र चंद्रशेखर मंझवार (ग्राम करूमौहा) के खिलाफ पुलिस थाना श्यांग कोरबा में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

क्या है मामला?

जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि जनपद पंचायत कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत श्यांग, सिमकेदा और सोल्वा में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 72 आवास अधूरे हैं, जबकि 86 लाख रुपये की राशि निकाल ली गई है। जांच में पाया गया कि ठेकेदार और अधिकारियों ने बिना निर्माण कार्य पूरा किए भुगतान करा लिया।

जांच और लापरवाही

जिला स्तरीय जांच समिति ने पाया कि ठेकेदारों और रोजगार सहायकों ने बिना आवास निर्माण के राशि निकाल ली। साथ ही, तत्कालीन विकासखंड समन्वयक लम्बोदर कौशिक, कलेश्वर चौहान, और तकनीकी सहायक नरेंद्र साहू ने बिना भौतिक सत्यापन के जिओ टैग कर भुगतान कराया। इसे कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही और वित्तीय अनियमितता माना गया।

कड़ी कार्रवाई के निर्देश

जिला पंचायत सीईओ देवानंद श्रीवास ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ठोस कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), और 34 (सामान्य आशय) के तहत मामला दर्ज किया है।

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