कर्मचारी फिर से हड़ताल की तैयारी में, 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन

रायपुर: नगरीय निकायों के कर्मचारियों को पिछले दो-तीन महीनों से वेतन नहीं मिलने की वजह से उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं। इसके चलते अब कर्मचारी नियमित वेतन भुगतान समेत 6 सूत्रीय मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। नवयुक्त अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो 18 से 20 सितंबर तक सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान सभी मूलभूत सेवाओं को बंद रखने की योजना है, जिससे नगरीय निकायों की सेवाओं पर व्यापक असर पड़ सकता है।

धरना प्रदर्शन की तैयारी

संघ ने जिला प्रशासन से बूढ़ातालाब या शहर के किसी अन्य स्थान पर धरना प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष, राजेश सोनी ने बताया कि उनकी मांगों से नगरीय प्रशासन मंत्री और अन्य उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। हालांकि, अब तक उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।

क्या हैं कर्मचारियों की मांगें?

नवयुक्त अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ ने कर्मचारियों की ओर से छह सूत्रीय मांगें रखी हैं:

  • हर महीने नियमित वेतन: कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनके परिवारों को आर्थिक परेशानी हो रही है।
  • पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करना: कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
  • मृतक कर्मचारी के परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति: कर्मचारियों का कहना है कि मृतक कर्मचारी के परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति मिलनी चाहिए।
  • नियमित कर्मचारियों को पदोन्नति: कर्मचारी चाहते हैं कि 12 साल की सेवा पूरी करने वाले नियमित कर्मचारियों को संभाग स्तर पर रिक्त पदों पर पदोन्नति दी जाए।
  • ठेका प्रथा को समाप्त करना: कर्मचारी ठेका प्रथा को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।
  • छठे और सातवें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान: कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें छठे और सातवें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान नहीं मिला है।

आंदोलन की योजना

यदि इन मांगों पर शासन ने ध्यान नहीं दिया, तो संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। तीन दिवसीय हड़ताल के दौरान, रैलियों और ज्ञापनों के जरिए सरकार पर दबाव बनाने की योजना है। पहले दिन कर्मचारी संचालक को ज्ञापन सौंपेंगे, दूसरे दिन सचिव को, और तीसरे दिन विभागीय मंत्री को ज्ञापन देकर अपनी मांगों को दोहराएंगे।

कर्मचारियों का यह आंदोलन नगरीय सेवाओं पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि हड़ताल के दौरान स्वच्छता, जलापूर्ति, और अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं बाधित होने की संभावना है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और कर्मचारियों की मांगों को कब तक पूरा किया जाता है।

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