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धमतरी में नक्सलवाद का अंत: सीनियरों का अत्याचार और शासन की नीतियों ने बदला मन

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में नक्सलवाद का अंधकार धीरे-धीरे छंटता जा रहा है। हाल ही में दो नक्सलियों, प्रमिला और टिकेश उर्फ वट्टी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर नक्सली संगठन के अंदर की सच्चाई उजागर की है। इन दोनों ने बताया कि किस तरह सीनियर माओवादी जूनियर सदस्यों पर अत्याचार करते हैं और नक्सली संगठन में आपसी विश्वास का अभाव है।

सीनियरों का अत्याचार और नक्सली संगठन में असंतोष

प्रमिला और टिकेश ने बताया कि नक्सली संगठन में अब डर का माहौल है। सीनियर माओवादी सुरक्षा बलों का सामना करने से डरते हैं और इस डर को जूनियर सदस्यों पर थोपते हैं। वे जूनियर सदस्यों को खतरनाक कार्यों के लिए आगे करते हैं, जिससे उनके मन में असंतोष बढ़ रहा है।

शासन की नीतियों का प्रभाव

दोनों नक्सलियों ने यह भी बताया कि वे शासन की नीतियों से प्रभावित हुए हैं। सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों और पुनर्वास नीतियों ने उन्हें नया रास्ता दिखाया है। वे अब एक सामान्य जीवन जीना चाहते हैं और शादी करके परिवार बसाना चाहते हैं।

धमतरी में नक्सलवाद का अंत

धमतरी जिले के पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय का कहना है कि हाल ही में कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और अब जिले में कोई सक्रिय नक्सली नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि सरकार नक्सलवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है और जो भी नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।

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