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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: 88 करोड़ की कमीशनखोरी, 31 अधिकारियों ने खरीदी करोड़ों की संपत्ति

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट के अनुसार, 31 आबकारी अधिकारियों ने मिलकर 88 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई की। यह रकम शराब बिक्री से मिली कमीशन से इकट्ठा की गई और इसका इस्तेमाल बेनामी संपत्तियों की खरीद, रिश्तेदारों के नाम पर जमीन लेने और यहां तक कि शेयर बाजार में निवेश के लिए भी किया गया।

करोड़ों की संपत्ति, नाम पर या बेनामी

चार्जशीट में बताया गया है कि नवीन प्रताप सिंह तोमर ने रायपुर और बलौदाबाजार में 39 खसरे और 3 रजिस्ट्रियों में जमीन खरीदी, जिनमें से कुछ जमीनें उनके और इंदिरा देवहारी के नाम पर दर्ज हैं।
मंजूश्री कसेर ने रायपुर, जांजगीर और गरियाबंद में कुल 25 संपत्तियां खरीदीं, जो उनके रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर हैं।
नोहर सिंह ठाकुर ने रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में 5 संपत्तियां खरीदीं, जिनमें करुणा सुधाकर, लवकुश नायक और विजयलाल जाटवर जैसे नाम शामिल हैं।
प्रमोद नेताम ने कोरिया, कोरबा और रायपुर में 6 संपत्तियां अपने और परिजनों के नाम पर खरीदीं।

इतना ही नहीं, दिनकर वासनिक ने काली कमाई को छिपाने के लिए IOC के शेयर खरीदे, जबकि अन्य अफसरों जैसे इकबाल अहमद खान, विजय सेन शर्मा, मोहित जायसवाल, नीतिन खंडूजा और अरविंद पटले ने भी अलग-अलग जिलों में संपत्ति बनाई।

किस अधिकारी ने कितना खाया कमीशन?

चार्जशीट में प्रत्येक अधिकारी के नाम के साथ शराब की पेटियों की संख्या और उनसे मिली कमीशन की रकम भी दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा कमीशन नोहर सिंह ठाकुर को मिला, जिन्होंने 11.06 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की। इसके बाद नीतू नोतानी को 7.78 करोड़ और अरविंद पटले को 7.44 करोड़ रुपए की कमीशन प्राप्त हुई।

कुछ प्रमुख नाम और उनकी अवैध कमाई इस प्रकार है:

कुल मिलाकर, इन 31 अधिकारियों ने अपनी सरकारी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग करते हुए शराब घोटाले से मोटी रकम वसूली और उसका इस्तेमाल आलीशान जीवनशैली, संपत्ति निर्माण और वित्तीय निवेश में किया।

दस्तावेजी सबूतों के साथ गिरफ्तारी की तैयारी

ईओडब्ल्यू ने इन सभी संपत्तियों के दस्तावेजी साक्ष्य भी जब्त कर लिए हैं। अब इन अफसरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की तैयारी चल रही है। जांच एजेंसी बेनामी संपत्तियों की पहचान कर रही है और इनके खिलाफ संपत्ति जब्ती व गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज की जा रही है।

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