रायपुर। छत्तीसगढ़ व्यापम (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) द्वारा आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा 2025 का आयोजन रविवार, 27 जुलाई को किया जाएगा। रायपुर जिले में इस परीक्षा के सफल संचालन के लिए कुल 90 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं। व्यापम ने परीक्षा के दौरान पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं, जिनका सख्ती से पालन करना सभी परीक्षार्थियों के लिए अनिवार्य होगा।
परीक्षा का समय और केंद्र में प्रवेश की व्यवस्था
परीक्षा सुबह 11 बजे से प्रारंभ होगी, लेकिन परीक्षार्थियों को सुबह 9 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचने की सलाह दी गई है। परीक्षा केंद्र का मुख्य द्वार परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले, यानी 10:30 बजे बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद किसी भी परीक्षार्थी को केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसलिए सभी अभ्यर्थियों को समय से पहले पहुंचना आवश्यक है ताकि उनका फ्रिस्किंग (शारीरिक जांच) और पहचान सत्यापन समय पर पूरा हो सके।
पहनावे और वस्त्रों को लेकर सख्त निर्देश
व्यापम ने परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के पहनावे को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- परीक्षार्थियों को हल्के रंग के आधी बांह वाले कपड़े पहनकर परीक्षा में शामिल होना होगा।
- केवल साधारण चप्पल पहनकर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश मिलेगा। जूते या सैंडल की अनुमति नहीं होगी।
- कान में किसी भी प्रकार का आभूषण पहनना पूरी तरह से वर्जित है।
धार्मिक या सांस्कृतिक परिधान पहनने वाले अभ्यर्थियों को सामान्य परीक्षार्थियों की तुलना में और भी पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा, क्योंकि ऐसे वस्त्रों में आने वाले परीक्षार्थियों को अतिरिक्त सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ेगा।
परीक्षा केंद्र में ये वस्तुएं लेकर जाना मना
परीक्षा में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए व्यापम ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा केंद्र में निम्नलिखित वस्तुएं पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगी:
- मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच, ब्लूटूथ डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक घड़ी
- पर्स, पाउच, बेल्ट, स्कार्फ, टोपी या किसी भी प्रकार का बैग
- किसी भी प्रकार का संचार या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
नकल या अनुचित साधनों पर मिलेगी सख्त सजा
व्यापम ने चेतावनी दी है कि परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करते पाए जाने पर संबंधित परीक्षार्थी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में अभ्यर्थिता रद्द कर दी जाएगी, साथ ही भविष्य की परीक्षाओं में भाग लेने से भी वंचित किया जा सकता है।