आंगनबाड़ी सहायिका नियुक्ति में फर्जीवाड़ा, शिकायत थाने तक पहुंची

Gariyaband : देवभोग क्षेत्र में आंगनबाड़ी सहायिका की नियुक्तियों में गड़बड़ी और फर्जी अंकसूची तैयार करने का मामला सामने आया है। वंचित अभ्यर्थी उर्मिला यादव की शिकायत के बाद यह प्रकरण थाने तक पहुंच गया है। आरोप है कि चयनित अभ्यर्थी ने मिडिल स्कूल प्रधान पाठक के साथ मिलकर पुराने रिकॉर्ड में बदलाव कर नई अंकसूची तैयार की और ओवरलैपिंग कर दस्तावेजों में छेड़छाड़ की।

क्या है मामला?
पिछले चार महीनों में देवभोग क्षेत्र में 16 से अधिक आंगनबाड़ी सहायिकाओं की भर्ती की गई है। लाटापारा के पूंजीपारा में हुई सहायिका नियुक्ति में चयनित तारिणी बघेल पर आरोप है कि उसने बाड़ीगांव मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक से मिलकर 2015 में कक्षा 8वीं की फर्जी अंकसूची तैयार की। शिकायतकर्ता उर्मिला यादव का कहना है कि पहले कम अंक वाली मार्कशीट प्रस्तुत की गई थी, जिसे बाद में बदल दिया गया।

चयन प्रक्रिया पर उठे सवाल
महिला बाल विकास विभाग, जनपद सीईओ, बीईओ और बीएमओ की मौजूदगी वाली चयन समिति पर आरोप है कि उन्होंने दस्तावेजों का सत्यापन ठीक से नहीं किया। स्थानीय लोगों और अभ्यर्थियों का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया में लेन-देन की बात भी सामने आई है।

दूसरे फर्जीवाड़े के मामले भी आए सामने
दीवान मूड़ा, कुम्हड़ई कला और कोदोभाटा में भी सहायिका नियुक्ति में गड़बड़ी की खबरें मिली हैं। जिला पंचायत सदस्य धनमती यादव ने मांग की है कि देवभोग और मैनपुर में हुई सभी सहायिका नियुक्तियों की उच्च स्तरीय जांच की जाए।

जांच की प्रक्रिया जारी
जिला महिला बाल विकास अधिकारी दीपा शाह का कहना है कि जिन जगहों पर दस्तावेजों में ओवरलैपिंग का संदेह हुआ, वहां नियुक्ति प्रक्रिया रोकी गई है। यदि किसी भी स्थान से विधिवत शिकायत मिलती है, तो मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

शिकायत मिलने पर कार्रवाई का भरोसा
बीईओ देवनाथ बघेल ने कहा कि मार्कशीट जारी करने का अधिकार प्रधान पाठक के पास है। यदि किसी ने गड़बड़ी की है, तो इसकी शिकायत अब तक नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।

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