बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां तीन युवकों ने सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाने के लिए खुद को नक्सली बताकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर लिया है।
पुनर्वास नीति का फायदा उठाने की थी योजना:
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए ‘लोन वर्राटू’ योजना चला रही है। इस योजना के तहत नक्सली विचारधारा छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। इसी योजना का फायदा उठाने के लिए बीजापुर जिले का रहने वाला बबलू उर्फ मधु मोड़ियाम अपने दो साथियों सुदेश उर्फ मनकू और ओमप्रकाश नेताम के साथ बालोद पहुंचा और खुद को मानपुर मोहला कमेटी का नक्सली सदस्य बताते हुए कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने का दावा किया।
पुलिस ने किया पर्दाफाश:
बालोद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार जोशी ने बताया कि जब पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि बबलू उर्फ मधु मोड़ियाम का नक्सलियों से कोई संबंध नहीं है। वह और उसके साथी पुलिस को गुमराह करके पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाली राशि हासिल करना चाहते थे। पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।