सरगुजा : राज्य में पहली बार गैल्डर्स नामक जानलेवा बीमारी की पुष्टि दो घोड़ों में हुई है। सरगुजा जिले के नवापारा निवासी उमेश के दो घोड़ों में यह संक्रामक बीमारी पाई गई है, जिसकी पुष्टि रायपुर में ब्लड सैंपल जांच के बाद हुई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कलेक्टर ने दोनों घोड़ों को मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत इन्हें जहर देकर मारा जाएगा।
पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. आरपी शुक्ला ने जानकारी दी कि गैल्डर्स बीमारी बेहद खतरनाक है और घोड़ों, गधों व खच्चरों में पाई जाती है। इसके संक्रमण का खतरा मनुष्यों तक भी पहुंच सकता है। यही वजह है कि संक्रमित घोड़ों को समाप्त करना अनिवार्य हो जाता है।
क्या है गैल्डर्स बीमारी?
गैल्डर्स (Glanders) एक जीवाणु जनित बीमारी है, जो Burkholderia mallei नामक बैक्टीरिया से होती है। यह मुख्यतः घोड़ों, गधों और खच्चरों को प्रभावित करती है, लेकिन संक्रमित पशु के संपर्क में आने से यह इंसानों को भी अपनी चपेट में ले सकती है। इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, नाक से मवादयुक्त स्राव, त्वचा पर गांठें और सूजन शामिल हैं। यदि समय पर नियंत्रण नहीं किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।
अंबिकापुर जिले में वर्तमान में 28 घोड़े हैं, जिनमें अधिकांश का उपयोग विवाह समारोहों में किया जाता है। अब पूरे क्षेत्र में पशु विभाग की टीम सतर्क है और अन्य घोड़ों की भी जांच की जा रही है ताकि बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।