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शिव के धाम में आज से शक्ति का उत्सव: महाकालधाम अमलेश्वर में चार दिन का रास गरबा आयोजन

Raipur : पूरा देश इस समय नवरात्र के जश्न में डूबा हुआ है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में लोग मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना कर रहे हैं। साथ ही शक्ति के इन स्वरूपों का उत्सव भी मना रहे हैं। इस त्योहार में लोगों के मन को उत्साह और उमंग से भर देती है गरबा और डांडिया। नवरात्र और गरबा-डांडिया का एक-दूसरे से गहरा रिश्ता है। इसीलिए श्री महाकालधाम अमलेश्वर में आज से चार दिन तक यानी 5 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक बड़े रास गरबा का आयोजन किया जा रहा है। शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक होने वाले इस रास गरबा में नॉनस्टाप डीजे की व्यवस्था की गई है।

श्री महाकाल धाम अमलेश्वर के सर्वराकार पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि श्री महाकालधाम भगवान शिव की शक्ति का केंद्र है, जहां शक्ति की पूजा यानी नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा भी हो रही है।

इसी कड़ी में यहां आने वाले भक्तों और आम जन के लिए रास गरबा का आयोजन किया जा रहा है, ताकि वे यहां नौ दिनों व्रत-उपवास या निराहार रहकर राम के चरित्र का गुणगान, उपासना और गरबे के रूप में देवी दुर्गा व राधा कृष्ण की उपासना डांडिया रास के रूप में कर सकें।

पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी के मुताबिक प्रकृति से उपजे संगीत को मानव ने कंठ-स्वर दिया तब गीत का जन्म हुआ और स्वतः ही स्वर लयबद्ध हुआ। जब-जब ताल साथ हुई, किसी ने तंतु से सुर दिया तो किसी ने चर्मवाद्य से, और शनै-शनै लोकसंगीत का जन्म हुआ। इसी लोक संगीत ने अब शक्ति की आराधना का रुप ले लिया है।

पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि भारत भर में चैत्र और आश्विन नवरात्रे शक्ति की आराधना के लिए हैं। वे चाहे देवी दुर्गा स्वरूप में हों, भगवान राम हों या भगवान शिव। हर प्रान्त में इनकी विविधताएं हैं। इन्हीं दिनों में गुजरात का गरबा नृत्य भारत की अध्यात्म, गीत, नृत्य व नाटक की समृद्ध कला का निरूपण करता है। जैसे गुजरात राज्य में आश्विन मास के नवरात्रे माता अंबा की आराधना की जाती है, उसी तरह रायपुर के श्री महाकाल धाम में भी रास गरबा का आयोजन किया जा रहा है।

पंडित त्रिपाठी ने रायपुर शहर और आसपास के लोगों से श्री महाकाल धाम पहुंचकर यहां रास गरबा में शामिल होने का न्यौता दिया है, जो कि पूरी तरह निशुल्क है। इसलिए लोग अपने पूरे परिवार, पड़ोसी और रिश्तेदारों के साथ रास गरबा के लिए श्री महाकाल धाम पहुंचें, क्योंकि यहां एंट्री पास से लेकर पार्किंग तक सब कुछ निशुल्क है।

निशुल्क एंट्री, डिजिटल पास फ्री
श्री महाकाल धाम अमलेश्वर के सर्वराकार पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि श्री महाकालधाम अमलेश्वर में चार दिनों तक प्रतिदिन शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक होने वाले रास गरबा के लिए सभी लोगों की एंट्री फ्री है। इसके लिए वे 9893363928 नंबर पर संपर्क कर डिजिटल पास फ्री हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा श्री महाकालधाम के फेसबुक पेज, वेबसाइट पर जाकर क्यूआर कोड स्कैन कर सकते हैं।

फूड फन ब्लेसिंग ‘रसोई’ की ग्रांड ओपनिंग
श्री महाकाल धाम अमलेश्वर में फूड फन ब्लेसिंग ‘रसोई’ की ग्रांड ओपनिंग भी 5 अक्टूबर तृतीया तिथि की शाम को होने जा रही है। यहां पहुंचने वाले भक्तों को श्री महाकालधाम अमलेश्वर में फूड फन ब्लेसिंग ‘रसोई’ से मनचाहा भोजन, प्रसाद और फन फूड मिल सकेगा।

दो दशक से शिव शक्ति का केंद्र
श्री महाकाल धाम अमलेश्वर छत्तीसगढ़ का एक मात्र ऐसा तीर्थ है, जहां पिछले 20 वर्ष से हो रहे पूजा-अनुष्ठान हो रहे हैं। ये शिव शक्ति की आराधना का सिद्ध पीठ है। पिछले 20 वर्षों से फलाश विधि के द्वारा नारायण नागबली, कालसर्प की पूजा, विवाह में आने वाली बाधाओं के निवारण के लिए कुंवारे युवाओं ने अर्क विवाह और कन्याओं ने कुंभ विवाह और विशेष अनुष्ठान पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ‌द्वारा कराए जा रहे हैं। खारुन तट पर अमलेश्वर गांव में स्थित श्रीमहाकाल धाम आज नारायण नागबली, काल सर्पदोष, पितृतर्पण, अर्पण और तमाम तरह के हिंदू कर्मकांडों और अध्यात्म का नया केंद्र बन गया है। जहां हर रोज सैकड़ों लोग पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक अनुष्ठान के लिए यहां पहुंच रहे हैं।

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