गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में प्रशासन ने अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए फिंगेश्वर की सूखी नदी में चल रहे खनन को रोक दिया। कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारा, जिसके दौरान रेत माफिया 2 चैन माउंटेन मशीनें छोड़कर भाग निकले। प्रशासन ने मशीनों को जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
माफियाओं में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है। हालांकि, तर्रा, कुरुसकेरा, छिंदौला और चौबेबांधा जैसी खदानों में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बताया जा रहा है कि यहां से प्रतिदिन करीब 200 ट्रकों में रेत रायपुर, दुर्ग, महासमुंद और अन्य जिलों तक भेजी जा रही है।
राजनीतिक संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध खनन
सूत्रों के अनुसार, इन खदानों से रेत निकालने के लिए ट्रकों से भारी रकम वसूली जाती है। 10 चक्का ट्रक के लिए 7,000 रुपये और 12 चक्का ट्रक के लिए 9,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। इस अवैध खनन को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे माफिया बेखौफ होकर खनन और परिवहन जारी रखे हुए हैं। पहले जब्त की गई मशीनें भी फिर से चालू हो गई हैं और 24 घंटे काम कर रही हैं।
सड़कों पर खुलेआम रेत परिवहन
राजिम से रायपुर जाने वाली सड़कों पर रेत से लदे हाईवा ट्रक खुलेआम चलते देखे जा सकते हैं। प्रशासन द्वारा पहले की गई कार्रवाई के बाद अब स्थानीय सिंडिकेट ने इस अवैध धंधे को और तेज कर दिया है। राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन चिन्हित खदानों पर सख्त कार्रवाई करने से बच रहा है।