लहसुन-आलू की कीमतों में गिरावट, आम जनता को राहत

Garlic Price, छत्तीसगढ़। बीते दो सालों से आसमान छू रही लहसुन की कीमतें अब गिरावट पर हैं। दिसंबर 2023 में जहां लहसुन 400 रुपए किलो थी, वहीं अब नई फसल आने के बाद इसकी कीमत 200 रुपए से भी कम हो गई है। थोक बाजार में इसकी कीमत 100 से 110 रुपए प्रति किलो है, जबकि चिल्हर बाजार में यह 150 से 160 रुपए किलो बिक रही है।

लहसुन की नई फसल से कीमतों में राहत

पिछले दो वर्षों तक लहसुन के दाम 400-500 रुपए किलो तक पहुंचे थे, जिससे आम उपभोक्ता पर भारी बोझ पड़ा। हालांकि, अब नई फसल की आवक बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई है। थोक बाजार में अच्छी क्वालिटी की बड़ी साइज वाली लहसुन 100-110 रुपए किलो और छोटी साइज की लहसुन 70-80 रुपए किलो के भाव पर मिल रही है।

चिल्हर बाजार में भी लहसुन अब पहले की तुलना में काफी सस्ती हो गई है। प्रमुख किराना दुकानों में यह 150 रुपए किलो में उपलब्ध है, जबकि स्थानीय बाजारों में आलू-प्याज बेचने वाले इसे 40 रुपए पाव के हिसाब से बेच रहे हैं।

आलू की कीमतें भी सामान्य स्तर पर लौटीं

बीते साल आलू की कीमतें भी उछाल पर थीं, क्योंकि बंगाल से इसकी आवक रुक गई थी। प्रतिबंध के कारण थोक में इसकी कीमत 35-40 रुपए और चिल्हर में 50 रुपए किलो तक पहुंच गई थी। अब नई फसल आने के बाद आलू की कीमतें स्थिर हो गई हैं।

  • थोक बाजार में: 10-12 रुपए प्रति किलो
  • चिल्हर बाजार में: 20-25 रुपए प्रति किलो

प्याज की कीमत भी सामान्य स्तर पर लौट रही है। वर्तमान में थोक बाजार में प्याज 25 रुपए और चिल्हर बाजार में 35 रुपए प्रति किलो में मिल रही है।

महंगाई में राहत, लेकिन कब तक?

महंगाई से जूझ रही आम जनता के लिए यह राहत की खबर जरूर है, लेकिन कीमतें कब तक स्थिर रहेंगी, यह कहना मुश्किल है। अक्सर देखा जाता है कि किसी वस्तु के दाम गिरने के बाद मुनाफाखोरी के चलते फिर से बढ़ा दिए जाते हैं। फिलहाल, नई फसल की आवक जारी है, जिससे उम्मीद है कि कुछ समय तक आम उपभोक्ताओं को राहत मिलती रहेगी।

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