Ghotpal Madai Mela : 21 दिन का मेला, मिलने आते है देव के परिजन, फिर…

Ghotpal Madai Mela 2024 : बस्तर की संस्कृति अपनी समृद्ध विरासत और अनोखी परंपराओं के लिए जाना जाता है। इन परंपराओं में से एक है घोटपाल मड़ई (Ghotpal Madai ), जो 21 दिनों तक चलने वाला एक अनोखा मेला है। यह मेला हर साल फरवरी के महीने में गीदम ब्लॉक के घोटपाल गांव में आयोजित होता है।

मेले का आयोजन

देव मड़ई हर साल फरवरी या मार्च के महीने में आयोजित किया जाता है। यह मेला 21 दिनों तक चलता है। इस दौरान, आदिवासी समुदाय के लोग अपने देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

मेले के मुख्य आकर्षण

इस मेले के मुख्य आकर्षणों में देवी-देवताओं की शोभायात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और विभिन्न प्रकार की दुकानें शामिल हैं। शोभायात्रा में भक्तों ने देवी-देवताओं की मूर्तियों को पूरे उत्साह और भक्तिभाव से सजाया था। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आदिवासी कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। दुकानों में विभिन्न प्रकार के सामान बेचे जाते हैं, जिनमें कपड़े, आभूषण, और खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

देव के परिजन

इस मेले में एक महत्वपूर्ण परंपरा है देव के परिजन का आगमन। यह माना जाता है कि इस दौरान देवी-देवता अपने परिजनों से मिलने आते हैं। देव के परिजन आदिवासी समुदाय के लोग होते हैं जो विशेष वेशभूषा धारण करते हैं और देवी-देवताओं की सेवा करते हैं।

रातभर बजता है ढोल

मेले के दौरान रातभर ढोल बजता रहता है। आदिवासी कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और भक्त देवी देवताओं के भजनों पर नाचते गाते हैं।

विदाई

21 दिनों के बाद, देव मड़ई का समापन होता है। इस दौरान, देवी-देवताओं को विदाई दी जाती है। यह एक भावुक क्षण होता है जब आदिवासी समुदाय के लोग अपने देवी-देवताओं से अगले वर्ष फिर से मिलने का वादा करते हैं।

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