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बड़ा फर्जीवाड़ा : बस्तर में 3 हजार फर्जी राशन कार्ड निरस्त; सरकारी अफसर और व्यापारी भी ले रहे थे लाभ

जगदलपुर। गरीबों के लिए बनी बीपीएल योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बस्तर जिले में हजारों फर्जी बीपीएल राशन कार्ड पाए गए हैं, जिनका फायदा संपन्न परिवारों, बड़े व्यापारियों और यहां तक कि सरकारी अधिकारियों तक ने उठाया। जांच में सामने आए तथ्यों के बाद विभाग ने अब तक 3,000 फर्जी कार्ड निरस्त कर दिए हैं।

केंद्र सरकार के निर्देश पर खाद्य विभाग ने जिले में बीपीएल कार्डधारियों की व्यापक जांच शुरू की थी। इस दौरान 63 हजार से अधिक संदिग्ध कार्ड सामने आए। इनमें मृत व्यक्तियों के नाम पर बने कार्ड, लंबे समय से राशन नहीं लेने वाले परिवार और ई-केवाईसी नहीं कराने वाले उपभोक्ता शामिल हैं। इनमें से कई कार्डधारियों की वास्तविक आय बीपीएल श्रेणी से कहीं अधिक पाई गई।

98 सरकारी अफसर और व्यापारी भी निकले कार्डधारी

जांच का सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह रहा कि जिले के 98 सरकारी अफसरों के नाम पर भी बीपीएल कार्ड जारी किए गए थे। ये सभी उच्च पदों पर कार्यरत हैं और नियमों के मुताबिक पात्र नहीं हैं। इसके अलावा, नौ ऐसे व्यापारी भी सामने आए जिनका सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये से अधिक है, फिर भी वे बीपीएल कार्ड का लाभ ले रहे थे। इसी तरह छह लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले संपन्न किसान और परिवार भी योजना का फायदा उठा रहे थे।

फूड अधिकारी ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी

इस मामले पर फूड अधिकारी घनश्याम राठौर ने कहा कि अब तक 3,000 फर्जी राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं और जांच जारी है। जिन लोगों की वास्तविक आय अधिक है या जो सरकारी नौकरी और बड़े व्यवसाय से जुड़े हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने साफ कहा कि सरकार की मंशा है कि योजनाओं का लाभ केवल असली गरीब और जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचे।

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