Rajim Kumbh Kalp : प्रदेश के प्रयागराज कहे जाने वाले राजिम में स्थित त्रिवेणी संगम के बीचों बीच स्थित कुलेश्वर महादेव के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं। पुन्नी मेला से कल्प कुंभ बना राजिम मेला के कारण देश विदेश के श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है।
24 फरवरी से प्रारंभ हुए राजिम कल्प कुंभ का 8 मार्च को शाम को समापन हो गया है। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और राम आयेंगे गाने की फेम स्वाति मेहुल समापन समारोह में विशेष रूप से शामिल हुए।
कुलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया और दर्शन किए। मंदिर परिसर में शिवरात्रि का पर्व मनाया गया। त्रिवेणी संगम में भी श्रद्धालुओं ने स्नान किया और दान-पुण्य किया।
राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयागराज इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ पैरी, सोंढुर और महानदी तीनों नदियों का संगम होता है। यह त्रिवेणी संगम हिंदुओं के लिए पवित्र माना जाता है।
हिंदुओं के चार धाम में से एक और 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल रामेश्वरम में श्री राम द्वारा लंका विजय की प्रार्थना के लिए समुद्र तट पर बालू से शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना की गई थी। ठीक उसी तरह, वनवास काल के दौरान माता सीता द्वारा राजिम के इस प्रयागराज त्रिवेणी संगम पर बालू से शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना की गई थी। मान्यता है कि यही शिवलिंग बढ़ता गया और बाद में इसे बांधकर नदी के बीचों बीच कुलेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण किया गया। यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है।
शिवरात्रि के अवसर पर राजीव लोचन भगवान रात में स्वयं कुलेश्वर महादेव से मिलने आते हैं। इस दौरान विशेष पूजा अर्चना की जाती है।