हाईकोर्ट ने रेप पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दी, कहा- मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर चोट

बिलासपुर। रेप पीड़िता और गर्भवती नाबालिग की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने उसे गर्भपात की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता को बलात्कारी के बच्चे को जन्म देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह उसके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

नाबालिग ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की रहने वाली नाबालिग ने जबरन यौन शोषण के कारण गर्भवती होने के बाद अपने अभिभावक के माध्यम से 30 दिसंबर को हाईकोर्ट में गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी। इस पर 31 दिसंबर को हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने सुनवाई की।

24 सप्ताह 6 दिन की गर्भवती

जस्टिस विभु दत्त गुरु ने रायगढ़ कलेक्टर को मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता की स्वास्थ्य जांच और रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। 1 जनवरी को मेडिकल बोर्ड ने अपनी जांच में पाया कि पीड़िता को 24 सप्ताह 6 दिन का गर्भ है। डॉक्टरी परीक्षण में भ्रूण स्वस्थ पाया गया, लेकिन गर्भपात की सहमति दी गई।

कोर्ट का निर्देश

रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने पीड़िता को 3 जनवरी को सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में आईसीयू में भर्ती कर गर्भपात कराने का निर्देश दिया है।

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