सुरक्षा के मद्देनजर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, बुजुर्ग कर्मचारियों को मिली राहत

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिला अधिकारी का नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तबादला रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का तबादला राज्य सरकार के अपने ही आदेश का उल्लंघन है।

क्या था मामला?

महासमुंद जिले में पदस्थ एक लेखाधिकारी, कविता चिंचोलकर, का तबादला 16 अगस्त, 2024 को जिला कांकेर कर दिया गया था। कांकेर जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आता है। कविता चिंचोलकर ने इस तबादले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

याचिकाकर्ता की दलीलें

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उनकी उम्र 61 वर्ष से अधिक है और वे जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाली हैं। अगर उन्हें कांकेर भेजा जाता है तो उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का एक आदेश है जिसके अनुसार 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिला कर्मचारियों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नहीं भेजा जाएगा।

कोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को गंभीरता से लिया और राज्य सरकार के आदेश को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का यह आदेश उचित है क्योंकि 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिला कर्मचारियों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भेजना उनके लिए सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता का तबादला रद्द करते हुए उन्हें उनके पुराने पद पर बहाल करने का आदेश दिया।

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