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आवारा पशुओं और खराब सड़कों पर हाई कोर्ट का संज्ञान, सरकार को फटकार

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य में बढ़ते हुए सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार आवारा पशुओं और बदहाल सड़कों के मुद्दे पर गंभीर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द करे।

क्या है मामला?

बिलासपुर में राजेश चिकारा और संजय रजक ने वर्ष 2019 में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य के प्रमुख मार्गों और शहरों की सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे सड़क हादसों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि नेशनल हाइवे पर तो स्थिति और भी गंभीर है, जहां अंधेरे में सड़क पर बैठे जानवरों के कारण कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

हाई कोर्ट का फैसला

हाई कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मुख्य सचिव से 15 दिन के भीतर एक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है, जिसमें यह बताया जाए कि सड़कों पर से आवारा पशुओं को हटाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और इस समस्या का स्थायी समाधान कब तक मिल पाएगा।

कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया है कि नगर निगम और पालिका परिषद जैसे स्थानीय निकाय इस समस्या से निपटने के लिए क्या कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि केवल नेशनल हाइवे अथॉरिटी ही सड़कों के सुधार के लिए जिम्मेदार नहीं है, बल्कि राज्य सरकार को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

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