बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार केवल एक दंडनीय अपराध नहीं है, बल्कि यह अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों को कमजोर करता है और आर्थिक अपराधों को जन्म देता है, जिसका असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
कोर्ट ने गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से किया इनकार
कोर्ट ने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
शराब सिंडिकेट के जरिए हुआ था अवैध वसूली का खुलासा
अनवर ढेबर पर आरोप है कि उन्होंने सह अभियुक्तों के साथ मिलकर प्रदेश में शराब बिक्री से अवैध कमीशन वसूली की साजिश रची। आरोप है कि डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माताओं, बोतल निर्माताओं, ट्रांसपोर्टर और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारियों की भागीदारी के जरिए वार्षिक कमीशन लिया गया।
जांच एजेंसियों की कार्रवाई
ईओडब्ल्यू और एसीबी ने जुलाई 2023 में अनवर ढेबर और अन्य आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। अप्रैल 2024 में अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद ईडी ने नवंबर 2024 में अलग से मामला दर्ज किया। आयकर विभाग ने भी अनवर ढेबर के विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की थी।
सिंडिकेट की अवैध गतिविधियां
शराब सिंडिकेट द्वारा राज्य में शराब बिक्री से अवैध वसूली की गई। इसमें बेहिसाब देशी शराब की बिक्री और राज्य द्वारा संचालित दुकानों के जरिए ऑफ-द-रिकॉर्ड लेनदेन शामिल था। इस साजिश के तहत शराब व्यापार से जुड़े विभिन्न पक्षों से रिश्वत राशि वसूली गई।