रायपुर। कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की पुष्टि के बाद छत्तीसगढ़ में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस पहले से मौजूद है, लेकिन ज्यादा आक्रामक नहीं है। इसके बावजूद सतर्कता और सावधानी बरतने की जरूरत है। घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि वायरस से बचाव के उपायों पर ध्यान देना होगा। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस संबंध में नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और जरूरी निर्देश दिए। इसके साथ ही वायरस से बचाव के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि विशेषज्ञों की टीम लगातार इस वायरस पर नजर रख रही है और इसके लक्षणों एवं प्रभावों का अध्ययन कर रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के अनुभव से स्वास्थ्य विभाग किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। आम जनता को जागरूक करने और वायरस को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वच्छता और सतर्कता को बचाव का सबसे बड़ा उपाय बताया।
एचएमपीवी से बचाव के उपाय
विशेषज्ञों के अनुसार, इस वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
- भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
- सर्दी-खांसी-बुखार वाले मरीजों के संपर्क में न आएं।
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिशू से ढकें।
- हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से साफ रखें।
- बीमार होने पर घर पर रहें और पौष्टिक भोजन के साथ अधिक पानी पिएं।
- लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच कराएं।
क्या न करें?
- सर्दी-खांसी होने पर टिशू पेपर का दोबारा इस्तेमाल न करें।
- बार-बार आंख, नाक और मुंह को न छूएं।
- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें।
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयों का सेवन न करें।
कैसे फैलता है वायरस?
एचएमपीवी खांसने और छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, दूषित सतह को छूने और फिर नाक, मुंह या आंखों को छूने से फैलता है। इसके सामान्य लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का कारण बन सकता है।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर पूरी नजर रखी है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों ने इसे एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस बताया है, जो खासतौर पर सर्दियों में सक्रिय होता है।