हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माने जाने वाला अमरूद का फल लगभग हर वर्ग के लोगों को पसंद है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, अमरूद को बड़े ही चाव के साथ लोग खाते हैं. लेकिन यह फल सीजनेबल होने की वजह से बहुत कम समय के लिए बाजार में उपलब्ध रहता है. लेकिन छत्तीसगढ़ के एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय यानी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में साल भर यह फल प्राप्त हो सके, ऐसे अमरूद के पौधों की किस्म उपलब्ध है. अगर आप भी सालभर अमरूद का फल खाना चाहते हैं, तो इन किस्मों के अमरूद पौधे को अपने घर में या बाड़ी में लगा सकते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर के अनिल बंजारे ने बताया कि अमरूद की बहुत सारी किस्में हैं. लेकिन कई ऐसी किस्में हैं, जिनसे सालभर अमरूद के फल मिलते हैं. इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ 49, स्वेता यह तीनों वेरायटी के पेड़ों से सालभर अमरूद का फल प्राप्त किया जा सकता है. पौधे की साइज जब 2 से ढ़ाई फिट होती है, तब से फल लगना शुरू हो जाता है. पौधे की साइज बढ़े होने पर फलों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होने लगती है.
उन्होंने आगे बताया कि इस पौधे को लगाते समय यह बात अवश्य ध्यान देना चाहिए कि मिट्टी मुरमुरी नहीं होनी चाहिए. काला मिट्टी, भूरा मिट्टी और कछार मिट्टी अमरूद की फसल के लिए बढ़िया रहता है. अमरूद के पौधे जल्दी बढ़ें, इसके लिए सरसों की खली, मूंगफली की खली के अलावा डीएपी और यूरिया खाद डालना चाहिए. डेढ़ से दो फीट के गमलों में भी अमरूद के इलाहाबाद सफेदा और लखनऊ 49 किस्म का पौधा लगा सकते हैं. अगर कोई भी इन अमरूद की किस्मों का पौधे लेना चाहता है, तो उन्हें कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर में संपर्क करना होगा. उन्हें यह पौधा मात्र 50 रुपए की दर से मिल जाएगा.