बीएड सहायक शिक्षकों का प्रदर्शन: भाजपा कार्यालय में नारेबाजी, गिरफ्तारी दी

रायपुर: नौकरी से हटाए जाने के बाद बीएड सहायक शिक्षकों ने भाजपा कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया और साय सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित शिक्षकों ने अपनी गिरफ्तारी दी। इस मामले ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है।

2900 शिक्षकों की बर्खास्तगी पर विवाद
राज्य सरकार द्वारा लगभग 2900 बीएड सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश के बाद युवाओं में भारी आक्रोश है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर विश्वासघात और अन्याय का आरोप लगाते हुए अपनी बहाली की मांग की।

पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस ने भाजपा कार्यालय पहुंचकर भीड़ को हटाने की कोशिश की। इस दौरान भाजपा कार्यालय के बाहर सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। कई शिक्षकों ने पुलिस के सामने अपनी गिरफ्तारी दी।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

  • उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है।
  • पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने बर्खास्तगी को युवाओं के साथ विश्वासघात बताते हुए इसे अन्यायपूर्ण करार दिया। उन्होंने सरकार से शिक्षकों की बात सुनने की अपील की।

कांग्रेस ने लगाया मारपीट का आरोप
कांग्रेस ने प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों के साथ मारपीट का आरोप लगाया। पार्टी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इसे निंदनीय बताते हुए कहा, “गरीब आदिवासियों और शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा में सरकार विफल रही है। तीन हजार शिक्षकों की बर्खास्तगी अस्वीकार्य है।”

आगे की राह
यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील होता जा रहा है। शिक्षकों का आंदोलन और राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच सरकार के लिए इस मुद्दे का समाधान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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