गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में वन विभाग ने अवैध रूप से की जा रही सागौन की लकड़ी की तस्करी पर बड़ी कार्रवाई की है। गौरेला रेंज के ग्राम बालधर में एक घर से सागौन की 16 बड़ी बल्लियां बरामद की गई हैं, जिनकी लंबाई 21 से 30 फीट के बीच है। यह कार्रवाई वन मंडलाधिकारी ग्रीष्मी चांद के नेतृत्व में की गई, जिसमें भारी मात्रा में राष्ट्रीयकृत वनोपज को जब्त कर वन अपराध प्रकरण भी दर्ज किया गया है।
मुखबिर की सूचना पर हुई छापेमारी
वन विभाग को पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि ग्राम बालधर में अवैध रूप से सागौन की लकड़ी का भंडारण और तस्करी की जा रही है। इन सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी थी। मुखबिर से पुख्ता सूचना मिलने के बाद वन मंडलाधिकारी ग्रीष्मी चांद ने तत्काल एक टीम गठित की और वन विभाग के अधिकारियों के साथ ग्राम बालधर निवासी मिथलेश सूर्यवंशी के घर पर छापा मारा।
घर और बाड़ी से बरामद हुईं लकड़ियां
तलाशी के दौरान घर और उसके आसपास की बाड़ी से वन विभाग को सागौन की 16 बड़ी बल्लियां मिलीं। ये सभी बल्लियां काफी लंबी थीं और तस्करी के उद्देश्य से रखी गई प्रतीत हो रही थीं। जब्त लकड़ी की लंबाई 21 फीट से 30 फीट के बीच बताई जा रही है। बरामद लकड़ी राष्ट्रीयकृत वनोपज श्रेणी की है, जिसका व्यावसायिक मूल्य काफी अधिक होता है।
मड़ना डिपो में सुरक्षित किया गया भंडारण
वन विभाग ने जब्त लकड़ियों को मड़ना डिपो के काष्ठागार में सुरक्षित रूप से जमा करा दिया है। विभाग द्वारा लकड़ियों की कीमत का आकलन किया जा रहा है। वहीं, इस मामले में वन अपराध अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
वन विभाग की सख्त चेतावनी
वन मंडलाधिकारी ग्रीष्मी चांद ने स्पष्ट किया कि विभाग अवैध वनोपज की कटाई, संग्रहण और तस्करी के मामलों को लेकर बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा,
“हम क्षेत्र में लगातार निगरानी रख रहे हैं और इस तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह हमारी प्राथमिकता है कि वन संपदा की रक्षा की जाए और वन्य अपराधों को रोका जाए।”