Kondagaon : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे सुरक्षा बलों के अभियान और सरकार की पुनर्वास नीतियों को एक और बड़ी सफलता मिली है। 8-8 लाख रुपए के इनामी नक्सली दंपत्ति, रैसिंग कुमेटी और पुनाय आचला, ने शुक्रवार को कोंडागांव पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
आतंक से शांति की ओर: हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौटे
यह दंपत्ति कोंडागांव, कांकेर, राजनांदगांव, गरियाबंद, धमतरी और नारायणपुर जैसे जिलों में हुई नक्सली गतिविधियों में शामिल रहा है। आत्मसमर्पण के दौरान उन्होंने बताया कि वे माओवादी संगठन की खोखली विचारधारा और अंदरूनी शोषण से तंग आ चुके थे।
बढ़ते दबाव और पुनर्वास योजना का असर
दंपत्ति ने आत्मसमर्पण की वजह बताते हुए कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से दबाव बढ़ रहा था। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही पुनर्वास योजना ने उन्हें प्रेरित किया। यह योजना उन्हें एक सामान्य और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देती है।