रायपुर की साइबर रेंज थाना पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने ठगी से कमाए गए पैसे को यूएस डॉलर में बदलकर चाइना और थाईलैंड भेजा। गिरफ्तार आरोपियों में दिल्ली निवासी 40 वर्षीय पवन कुमार सिंह और 44 वर्षीय गगन दीप शामिल हैं।
175 करोड़ के ट्रांजेक्शन का खुलासा
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने रायपुर में फर्जी कंपनियां बनाईं और ठगी से कमाए गए धन को बैंक खातों के जरिए विदेश भेजा। इन बैंक खातों में 175 करोड़ रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन हुए हैं। फिलहाल, दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि को बैंक खातों में होल्ड करवा दिया गया है।
फर्जी कंपनियों के जरिए विदेशी लेन-देन
आरोपियों ने ठगी से कमाए पैसे को हांगकांग और थाईलैंड की कंपनियों में भेजा। इनमें हाइपरलिंक इंफोसिस्टम लिमिटेड, ब्लू आर्किड ग्लोबल, कंसाई इंटरनेशनल लिमिटेड, ग्लोबल विजार्ड टेक्नोलॉजी, और अन्य कंपनियां शामिल हैं। पुलिस को इन कंपनियों से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं।
बैंक खातों और उपकरणों की जब्ती
पुलिस ने आरोपियों के पास से 41 बैंक खातों, डेबिट कार्ड, चेक बुक, लैपटॉप, मोबाइल, यूपीआई स्कैनर और अन्य उपकरण जब्त किए हैं। इनके पास अलग-अलग नामों के आधार कार्ड और फर्जी दस्तावेज भी मिले हैं, जो उनके देशभर में साइबर अपराध में शामिल होने को साबित करते हैं।
रायपुर में फर्जी कंपनी का संचालन
आरोपियों ने रायपुर के कोटा स्थित मारुति लाइफ इंप्रेसा में एक फर्जी कंपनी बनाई थी। यहां से उन्होंने ठगी का खेल शुरू किया। दिल्ली में ठगी के तरीके सीखने के बाद, वे रायपुर में पिछले छह महीने से सक्रिय थे।
पढ़ाई कम, लेकिन योजनाएं शातिर
पवन कुमार सिंह और गगन दीप ने केवल 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई की है। बावजूद इसके, उनकी योजनाएं इतनी शातिर थीं कि उन्होंने करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया।