शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह

राजिम। शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजिम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वीरांगना अहिल्याबाई होलकर की तृतीय जन्म शताब्दी पर विशेष अभिवादन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता एवं संस्था प्रमुख डॉ. सविता मिश्रा ने नारी शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि स्त्री और पुरुष एक रथ के दो पहिए हैं, जिनके समन्वय से सृष्टि का विकास संभव होता है।

अपने संबोधन में डॉ. मिश्रा ने इतिहास में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मध्यकाल में महिलाओं की स्थिति दयनीय हो गई थी, जहां पर्दा प्रथा, सती प्रथा और बाल विवाह जैसी कुप्रथाएं हावी थीं। उन्होंने वीरांगना पद्मावती, अहिल्याबाई होलकर, सावित्रीबाई फुले और अन्य समाज सुधारकों के योगदान की सराहना की, जिन्होंने नारी सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विशेष अतिथि डॉ. के.आर. मतावले ने कहा कि आज भी महिलाएं समाज में पूरी तरह समानता नहीं प्राप्त कर सकी हैं। उन्होंने भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, बाल विवाह और कुपोषण जैसी सामाजिक कुरीतियों पर चिंता व्यक्त की। वहीं, प्रो. मोहनलाल वर्मा ने 1975 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिला स्वतंत्रता को मान्यता देने के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि आज महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

कार्यक्रम के दौरान कुमारी हर्षिता यदु और कु. गुंजा ने नारी सशक्तिकरण पर कविताएं प्रस्तुत कीं, जिन्होंने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा, अहिल्याबाई होलकर की जीवनी पर आधारित एक विशेष प्रस्तुति भी दिखाई गई।

संचालन क्षमा शिल्पा चौहान ने किया तथा आभार प्रदर्शन राजनीति शास्त्र की सहायक प्राध्यापक क्षमा शिल्पा मसीह ने किया। इस अवसर पर डॉ. समीक्षा चंद्राकर, चित्रा खोटे, सोनम चंद्राकर, डॉ. अश्वनी साहू, डॉ. ग्रीष्मा सिंह, शुभम शर्मा, डॉ. राजेश बघेल सहित अनेक प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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