छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार द्वारा शुरू की गई महतारी वंदन योजना में धांधली की शिकायतें मिलने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने पात्रता जांच की तैयारी शुरू कर दी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच में गलत तरीके से योजना का लाभ लेने वाले अपात्र हितग्राहियों से राशि की वसूली भी की जाएगी।
यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया गया है जिनमें योजना का लाभ अपात्र महिलाओं द्वारा लिए जाने का आरोप है। विभागीय जांच में सामने आया है कि शासकीय सेवा में कार्यरत, सेवानिवृत्त या पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाओं ने भी योजना के लिए आवेदन किया था और उनमें से कई महिलाओं को इसका लाभ भी मिल रहा था।
जांच में यह भी पाया गया कि कुछ महिलाओं ने एक ही नाम से दो-दो आवेदन किए थे और दोनों ही स्वीकृत हो गए थे। ऐसे मामलों में महिलाओं के खाते में दो बार राशि भेजी जा रही थी।
विभाग अब एक नाम वाले 20 हजार से अधिक आवेदनों की जांच कर रहा है, जिनमें नाम, पता और जन्मतिथि समान है।
शासकीय सेवा में पदस्थ एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उनके दोस्त की पुत्रवधु रायपुर के विश्वविद्यालय में कर्मी हैं, इसके बाद भी योजना का लाभ मिल रहा है।
नए आवेदन का इंतजार
छत्तीसगढ़ में अभी भी बहुत सी पात्र महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिला है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उन्हें महतारी वंदन योजना 2.0 शुरू होने की उम्मीद है। चुनाव आचार संहिता लागू होते ही आवेदन जमा करने की प्रक्रिया बंद कर दी गई थी। 10 मार्च को महतारी वंदन योजना की पहली किस्त जारी की गई थी। पीएम मोदी ने 70.14 लाख से अधिक महिलाओं को 655.57 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की थी।
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वाली दो लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हुए थे। इससे महिलाएं महतारी वंदन योजना की पहली किस्त से वंचित हो गई थी। पहली किस्त जारी होने के अंतिम दिन तक आधार से खातों को लिंक करने की प्रक्रिया चली थी। इसके बाद पहली किस्त से वंचित महिलाओं को दूसरी किस्त में राशि जारी हुई थी।
योजना के लिए 70.26 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 70.14 लाख महिलाओं को पात्र माना गया। 11,771 आवेदन रिजेक्ट हुए थे। पात्र महिलाओं को प्रत्येक माह एक-एक हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अब तक चार किस्तों में 2,500 करोड़ से अधिक की राशि जारी हो चुकी है।