रायपुर। बीएसएफ से राज्य पुलिस में विलय होकर आईपीएस बने यशपाल सिंह की नियुक्ति पर सवाल उठने लगे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सचिव को पत्र लिखकर जांच के निर्देश दिए हैं। यशपाल सिंह वर्तमान में मोहला-मानपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में लंबित जांच के बावजूद वर्ष 2019 में यशपाल सिंह को आईपीएस अवार्ड दे दिया गया। इस पर सामाजिक कार्यकर्ता विवेक कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में शिकायत दर्ज कराई थी। पीएमओ ने यह शिकायत केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी, जिसके बाद मंत्रालय ने 13 जून 2025 को पत्र जारी किया।
गृह मंत्रालय का कहना है कि आईपीएस अवार्ड प्रक्रिया में उसकी भूमिका सीमित होती है, लेकिन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मामले की त्वरित जांच आवश्यक है। शिकायतकर्ता ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि यशपाल सिंह को गलत तरीके से वरिष्ठता दी गई और नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार किया गया। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) और राज्य पुलिस अधिकारी संघ ने भी इस नियुक्ति को कैडर व्यवस्था के खिलाफ बताया था। CGPSC ने बीएसएफ से आए अधिकारी के राज्य पुलिस में विलय पर आपत्ति जताई थी।