जशपुर जिले में शिक्षा विभाग ने सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की। यह क्षण उन युवाओं के लिए ऐतिहासिक था, जिन्होंने वर्षों की मेहनत और प्रतियोगी परीक्षाओं के संघर्ष के बाद शिक्षक बनने का सपना पूरा किया। नियुक्ति पत्र हाथ में आते ही परिवार और समाज के चेहरे पर गर्व और प्रसन्नता झलक उठी।
परीक्षा अवधि : संघर्ष और समर्पण की कहानी
नियुक्ति के बाद शुरू हुआ प्रोबेशन पीरियड असली परीक्षा थी। जशपुर जैसे जिले में संसाधनों की कमी और भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद शिक्षकों ने जिम्मेदारी और धैर्य से काम किया।
- बरसात में उफनती नदियाँ और कीचड़ भरे रास्तों से रोजाना स्कूल पहुँचना।
- पर्याप्त साधन न होने पर जुगाड़ से कक्षाएँ चलाना।
- विभागीय कार्य, सर्वेक्षण और योजनाओं का क्रियान्वयन।
इन चुनौतियों के बीच उन्होंने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी और शिक्षा को रोचक बनाने की दिशा में नई पहल की।
2025 का स्वर्णिम क्षण : नियमितीकरण की घोषणा
तीन साल की मेहनत और निष्ठा के बाद 3 सितम्बर 2025 को सहायक शिक्षकों के नियमितीकरण की घोषणा हुई। यह केवल प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए जीवन का सबसे बड़ा उपलब्धि क्षण था। नियमित होने का अर्थ स्थिरता, सम्मान और भविष्य की सुरक्षा है।
आभार और अभिनंदन
नियमितीकरण की खुशी में शिक्षा कार्यालय जशपुर में कार्यक्रम हुआ। शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी श्री पी.के. भटनागर, एमआईएस अधिकारी श्री नंदकिशोर चौहान, विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती कल्पना टोप्पो, एबीईओ टुमनु गोसाई और सभी अधिकारियों को आभार प्रकट किया।
शिक्षकों का उल्लास और भावनाएँ
मुकेश कुमार, देवकी प्रधान, मधु पैकरा, मनोहर टोप्पो, विजय पैंकरा, अंजना यादव, अनुपमा कुजूर, विनीता भोय और अन्य सभी शिक्षक इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने।
- मुकेश कुमार बोले—“अब जिम्मेदारी और बढ़ गई है। बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देना ही लक्ष्य होगा।”
- देवकी प्रधान ने कहा—“यह नौकरी नहीं, सेवा है। और अधिक निष्ठा से कार्य करेंगे।”
- मधु पैकरा और मनोहर टोप्पो ने इसे परिवार की जीत बताया।
विद्यार्थियों पर प्रभाव
नियमित होने से विद्यार्थियों को सबसे बड़ा लाभ मिलेगा।
- कक्षा में अनुशासन और निरंतरता बढ़ेगी।
- शिक्षक-विद्यार्थी संबंध और मजबूत होंगे।
- विज्ञान जैसे विषयों में प्रयोगात्मक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता स्थायी रूप से सुधरेगी।
भविष्य की दिशा : नई उम्मीदें
नियमित शिक्षक अब शिक्षा को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं।
- डिजिटल शिक्षा और स्मार्ट क्लासरूम को बढ़ावा।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को पूरा करने में योगदान।
- बच्चों को नवाचार और शोध की ओर प्रेरित करना।