रायपुर। झीरम घाटी नक्सली हमले की 12वीं बरसी पर कांग्रेस ने शनिवार को शहादत दिवस मनाया। इस दौरान पार्टी नेताओं ने एक बार फिर अपनी पीड़ा साझा की और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम हमला कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी क्षति थी, जिसमें अग्रिम पंक्ति के कई नेता शहीद हुए। उन्होंने कहा, “इस घटना को 12 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी हमें न्याय नहीं मिला। हमने सभी शहीद नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की है।”
बघेल ने केंद्र सरकार पर जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगों ने सरेंडर किया, उनसे अदालत के आदेश के बावजूद पूछताछ नहीं की गई। एनआईए की जांच की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि हमले में घायल लोगों तक से पूछताछ नहीं हुई।
उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि छह महीने में दोषी जेल में होंगे, लेकिन 10 साल बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बघेल ने कहा, “हमारी सरकार ने मांग की थी कि हमें इस मामले की जांच करने दी जाए, लेकिन केंद्र से कोई अनुमति नहीं मिली। आजकल एजेंसियां केवल चुनिंदा मामलों में सक्रियता दिखा रही हैं।”
झीरम घाटी हमला 25 मई 2013 को हुआ था, जिसमें कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शहीद हो गए थे। कांग्रेस आज भी इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच की मांग कर रही है।