दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से एक चौंकाने वाली आपराधिक घटना सामने आई है। राजधानी रायपुर से आए कुछ बाउंसरों ने क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर चार आदिवासी युवाओं का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया। यह घटना दक्षिण बस्तर के गीदम थाना क्षेत्र के बूथपदर गांव में हुई। हालांकि, ग्रामीणों की सतर्कता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया।
नौकरी के नाम पर ठगी, फिर रच डाली अपहरण की साजिश
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजू अंसारी नामक व्यक्ति, जो दंतेवाड़ा का रहने वाला है, इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड है। आरोप है कि राजू अंसारी ने इन चार आदिवासी युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर चार लाख रुपये ठग लिए थे। जब पीड़ित युवकों ने अपना पैसा वापस मांगा, तो राजू ने अपहरण की साजिश रच डाली। इसके लिए उसने रायपुर से बाउंसर बुलाए और युवकों का फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर अपहरण करा दिया।
दिनदहाड़े युवकों को गाड़ियों में बैठाकर ले गए
चार पहिया वाहनों में सवार ये आरोपी खुद को क्राइम ब्रांच का सदस्य बताते हुए युवकों को जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठा कर ले गए। गांववालों को जब घटना पर संदेह हुआ तो उन्होंने गीदम पुलिस को तुरंत सूचना दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बारसूर में नाकेबंदी की और आरोपियों को पकड़ लिया।
बड़ी साजिश का खुलासा, आरोपी हिरासत में
एसडीओपी गोविंद दिवान ने बताया कि पुलिस ने दो गाड़ियाँ जब्त की हैं और एक दर्जन से अधिक आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के पीछे का नेटवर्क खंगाला जा रहा है और अन्य संभावित पीड़ितों की तलाश की जा रही है।
ग्रामीणों की सूझबूझ से बची जान
बूथपदर के सरपंच घासीराम कश्यप ने बताया कि यदि ग्रामीण समय रहते सतर्क न होते, तो युवकों की जान को गंभीर खतरा हो सकता था। वहीं भाजपा नेता राजेश कश्यप ने खुलासा किया कि राजू अंसारी पहले भी 50 से अधिक युवाओं से लाखों की ठगी कर चुका है। ऐसे में यह घटना सिर्फ़ एक अपहरण नहीं, बल्कि एक संगठित ठगी और आपराधिक गिरोह की ओर इशारा करती है।