कवर्धा। सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और समय की पाबंदी को लेकर कवर्धा कलेक्टर गोपाल वर्मा ने सख्त रुख अपनाया है। गुरुवार सुबह उन्होंने अचानक निरीक्षण अभियान की शुरुआत करते हुए जिला पंचायत कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई कर्मचारी तय समय के बाद भी कार्यालय नहीं पहुंचे थे। ऐसे में कलेक्टर ने खुद कार्यालय के मुख्य द्वार पर कुर्सी लगाकर बैठना शुरू कर दिया और देर से पहुंचने वाले कर्मचारियों को गेट पर ही रोक लिया।
कर्मचारियों को रोका, मांगी देरी की वजह
जैसे ही देर से आने वाले कर्मचारी कार्यालय में घुसने लगे, कलेक्टर वर्मा ने उन्हें बाहर रोक लिया और देरी का कारण पूछा। कुछ कर्मचारी शर्म से मुंह छिपाते नजर आए, तो कुछ ने सार्वजनिक रूप से कान पकड़कर माफी मांगी और भविष्य में समय का पालन करने का वादा किया।
सिर्फ एक कार्यालय तक सीमित नहीं रहा निरीक्षण
कलेक्टर गोपाल वर्मा का औचक निरीक्षण सिर्फ जिला पंचायत कार्यालय तक सीमित नहीं रहा। इसके बाद वे जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने मरीजों से सीधा संवाद किया और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर फीडबैक लिया। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं को भी परखा और स्टाफ की मौजूदगी जांची।
इसके बाद कलेक्टर ने स्वामी करपात्री शासकीय विद्यालय का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति देखी और बच्चों से पढ़ाई-लिखाई को लेकर सवाल पूछे। उन्होंने बच्चों से पाठ्यक्रम से जुड़े प्रश्न पूछकर स्कूल की गुणवत्ता की भी जांच की।
कलेक्टर की स्पष्ट चेतावनी
निरीक्षण के बाद कलेक्टर वर्मा ने सभी सरकारी विभागों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में अब अकस्मात निरीक्षण नियमित रूप से होंगे। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो कर्मचारी समय की अनदेखी करेंगे या कार्य में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।