‘बेचारी’ शब्द पर सियासी संग्राम: वन मंत्री केदार कश्यप का कांग्रेस पर हमला

रायपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा ‘बेचारी’ (Poor Lady) शब्द के इस्तेमाल पर छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे कांग्रेस की महिला शक्ति और आदिवासी समाज के प्रति निकृष्ट सोच करार दिया।

केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस में एक ही परिवार के इर्द-गिर्द घूमने वाले नेता लगातार मातृशक्ति, जनजातीय समाज और अन्य वर्गों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति मुर्मू के लिए ‘बेचारी’ शब्द का इस्तेमाल करना कांग्रेस की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। पूरा देश इस बयान की निंदा कर रहा है।”

‘आदिवासी कभी बेचारा नहीं होता’ – कश्यप

वन मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास आदिवासी समाज के प्रति नफरत से भरा पड़ा है। उन्होंने कहा, “एक आदिवासी समाज की बेटी जब राष्ट्रपति बनी, तो कांग्रेस को यह हजम नहीं हो रहा। लेकिन हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि कोई भी आदिवासी समाज का व्यक्ति बेचारा नहीं होता। आदिवासियों ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले भी इस देश के लिए बलिदान दिए हैं और आज भी देश के विकास में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है।”

कांग्रेस पर आदिवासी समाज को अपमानित करने का आरोप

केदार कश्यप ने कांग्रेस पर आदिवासी समाज को नीचा दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने राष्ट्रपति मुर्मू का अपमान किया है। पहले भी एक कांग्रेसी नेता ने उन्हें ‘राष्ट्रपत्नी’ कहा था, लेकिन पार्टी ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।”

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब राष्ट्रपति चुनाव के दौरान द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ आई थीं, तब भी कांग्रेस ने उनके दौरे का विरोध किया था।

‘कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की भाषा के लिए माफी मांगें’

कश्यप ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “अगर कांग्रेस में थोड़ी भी शर्म बची है तो भूपेश बघेल, दीपक बैज और अन्य कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की इस भाषा के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। अन्यथा, छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें चुनावों में इसका करारा जवाब देगी।”

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