Royal Tiger Color : क्यों होता हैं बाघों का रंग सफेद? आइए जानते हैं….

बाघों का रंग सफेद होने के पीछे एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जिसे “अलबिनिज़म” (albinism) कहा जाता है। इस विकार में मेलेनिन नामक रसायन का उत्पादन कम या बिल्कुल नहीं होता है। मेलेनिन बालों, त्वचा और आंखों को रंग प्रदान करता है।

मिलेनिन की कमी :

Royal Tiger Color : अलबिनिज़म वाले बाघों में मेलेनिन का उत्पादन कम होने के कारण उनके बाल सफेद हो जाते हैं। उनके शरीर पर धारियां भी कम दिखाई देती हैं या बिल्कुल नहीं दिखाई देती हैं।अलबिनिज़म एक वंशानुगत विकार है, जिसका अर्थ है कि यह माता-पिता से संतानों में स्थानांतरित हो सकता है। हालांकि, अलबिनिज़म वाले बाघों के प्रजनन की संभावना कम होती है, क्योंकि वे शिकारियों के लिए आसानी से दिखाई दे जाते हैं।

रॉयल टाइगर भी कहां जाता है:

Royal Tiger Color : सफेद बाघों को अक्सर “रॉयल टाइगर” भी कहा जाता है। वे बहुत दुर्लभ होते हैं और उनकी संख्या दुनिया भर में केवल कुछ सौ ही है।सफेद बाघों को लेकर कुछ भ्रम भी है। कुछ लोग मानते हैं कि वे बीमार होते हैं या उनके साथ कोई समस्या होती है। हालांकि, यह सच नहीं है। अलबिनिज़म एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, लेकिन यह कोई बीमारी नहीं है। सफेद बाघ अन्य बाघों की तरह ही स्वस्थ और फिट होते हैं।सफेद बाघों को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है। वे एक दुर्लभ और अद्वितीय प्रजाति हैं और उनकी विलुप्त होने की संभावना है।

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