Kushabhau Thakre Journalism University : रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शाहिद अली को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। प्रोफेसर के बर्खास्तगी के आदेश को बिलासपुर उच्च न्यायालय ने निरस्त करते हुए उनके ऊपर लगे सभी आरोपी को निराधार बताया है।
बता दें कि प्रोफेसर शाहिद अली पर आरोप लगे थे कि वह RSS की सोच रखने वाले प्रोफेसर हैं। इसके साथ ही उनके ऊपर नौकरी पाने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट पेश करने का भी आरोप लगाया गया था। इन सभी आरोपों के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना किसी जांच के उन्हें हटा दिया था। जिसके बाद प्रोफेसर शाहिद अली हाईकोर्ट पहुंच कर अपना पक्ष रखा था।
बिलासपुर HC में प्रोफेसर शाहिद अली के याचिकाकर्ता ने बताया कि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति बलदेव भाई शर्मा सिर्फ ग्रेजुएट हैं और उन्हें विश्वविद्यालय का कुलपति बना दिया गया है। इस बात का विरोध शाहिद अली ने किया था, इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन पर आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया था।
विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा लगाए गए आरोप और बर्खास्तगी के आदेश के बाद शाहिद अली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने बर्खास्तगी को समाप्त करते हुए उन्हें बहाल कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सेवा में बहाल करने के बाद सभी लंबित देयकों का भुगतान करने का आदेश भी जारी किया।
प्रोफेसर शाहिद अली और विश्वविद्यालय प्रशासन की लंबे समय तक लड़ाई चलती रही है। यह दोनों पक्ष इस मामले को लेकर हाई कोर्ट भी पहुंचे थे। इसके बाद हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रशासन को आदेशित करते हुए प्रोफेसर शाहिद अली को प्रमोशन देने की बात कही थी। जिस पर उन्हें प्रमोशन तो नहीं दिया गया, लेकिन फर्जी डिग्री और झूठी जानकारी देने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था। इस पूरे मामले को लेकर प्रोफेसर शाहिद अली ने दोबारा याचिका दायर की थी जिस पर उन्हें नौकरी में बहाल कर दिया गया है।