विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार पर साधा निशाना, बेरोजगारी से लेकर बिजली संकट तक उठाए सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विभागों के बजट अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने सरकार पर तीखे सवालों की बौछार की। उन्होंने बेरोजगारी, बिजली संकट, खनिज उत्पादन में गिरावट, शराब नीति, परिवहन विभाग में दलाली और बजट के सही उपयोग न होने जैसे मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया।

बेरोजगारी और लंबित नियुक्तियों पर सवाल

महंत ने कहा कि नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत एक लाख पदों पर भर्ती का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। उन्होंने बैकलॉग भर्ती, मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति और दिव्यांगों की भर्ती के अधूरे वादों का मुद्दा उठाया।

खनिज उत्पादन और बिजली संकट पर प्रहार

महंत ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि पिछले साल के मुकाबले खनिज उत्पादन में 15% की गिरावट आई है। उन्होंने सवाल किया कि सरप्लस बिजली वाला राज्य होने के बावजूद रायपुर और रायगढ़ जैसे शहरों में बिजली कटौती और ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं।

शराब नीति और परिवहन में दलाली का मुद्दा

महंत ने 67 नई शराब दुकानों के खुलने के फैसले को संविधान विरोधी बताया और कहा कि इससे राज्य की छवि खराब हो रही है। साथ ही परिवहन विभाग में दलालों की बढ़ती भूमिका को लेकर सरकार पर निशाना साधा, दावा किया कि पिछली सरकार ने दलालों पर 75% तक रोक लगाई थी।

आर्थिक अनियमितताओं का आरोप

महंत ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग जनता को सही जानकारी देने में असफल रहा है। उन्होंने हेलिकॉप्टर रखरखाव में अनावश्यक खर्च और ग्रामोद्योग विभाग के बजट का कम उपयोग जैसे मुद्दों पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।

शिक्षा, श्रम कानून और औद्योगिक दुर्घटनाएं

महंत ने 38 हजार शिक्षकों की लंबित भर्ती, बंद हुए 125 स्कूल, श्रम कानून के तहत मुआवजा न मिलने और औद्योगिक दुर्घटनाओं के पीड़ितों की अनदेखी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा।

काऊ कैचर योजना और दुग्ध महासंघ का मुद्दा

महंत ने काऊ कैचर योजना की विफलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज भी सड़कों पर मवेशी घूमते दिख रहे हैं। साथ ही राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को सौंपने की चर्चाओं पर भी नाराजगी जताई, जिससे स्थानीय दुग्ध उत्पादकों को नुकसान का खतरा है।

पर्यटन और धार्मिक न्यास विभाग की अनदेखी

महंत ने कहा कि बस्तर जैसे इलाकों में पर्यटन को नॉर्थ ईस्ट की तर्ज पर विकसित किया जा सकता है, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। धार्मिक न्यास विभाग के बजट का केवल 4% खर्च होने पर भी सवाल खड़े किए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं, बल्कि शुभचिंतक है, लेकिन सरकार अपनी नीतियों से जनता के हितों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि यह “सांय सांय सरकार” बनकर रह गई है, जिसे सुधारने की जरूरत है।

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