असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले एक बयान में बाबरी मस्जिद के विध्वंस को लेकर बीजेपी और संघ परिवार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद को सिस्टमैटिक तरीके से भारतीय मुसलमानों से छीन लिया गया था।
ओवैसी ने कहा कि जब कांग्रेस के जीबी पंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तो रात के अंधेरे में मस्जिद के अंदर मूर्तियां रख दी गईं थीं और फिर उन्हें निकाला नहीं गया। उस समय वहां के कलेक्टर नायर साहब थे। उन्होंने मस्जिद बंद करवा कर वहां पूजा शुरू कर दी। ओवैसी ने आरोप लगाया कि 1986 में मुसलमानों को बिना बताए मस्जिद के ताले खोल दिए गए।
ओवैसी ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को सुप्रीम कोर्ट से वादा करने के बाद बीजेपी और संघ परिवार ने मस्जिद को शहीद कर दिया। उन्होंने कहा कि जब विश्व हिंदू परिषद का गठन हुआ तब तो राम मंदिर नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला आस्था की बुनियाद पर दिया था। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि मस्जिद को मंदिर तोड़कर नहीं बनाया गया था।
ओवैसी ने कहा कि उन्होंने यह फैसला आने के बाद कहा था कि इससे फैसले के बाद कई और मुद्दे ओपन हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज आप देख रहे हैं कि संघ परिवार हर जगह जाकर बोलता है कि यहां मस्जिद नहीं थी। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि अगर जीबी पंत मूर्तियां हटा देते या ताले नहीं खोले जाते तो क्या आज हमें यह दिन देखना पड़ता।