कानपुरः लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हैं। UP में कांग्रेस और सपा के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया है। अब बात कानपुर-बुंदेलखंड करें तो कहा जाता है कि कानपुर से जिस किसी भी पार्टी का प्रत्याशी जीतता है, तो केंद्र में उसकी सरकार बनती है। आजादी के बाद से ही कानपुर कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है। शहर से अब मांग उठने लगी है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें।
पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रियंका गांधी को कानपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा जाए।प्रियंका गाधी को जब यूपी का प्रभार सौंपा गया था, तो उन्होंने सबसे पहले जमीनी कार्यकर्ताओं को तरजीह दी थी। संगठन से गुटबाजी को खत्म करने का काम किया था। इसके साथ ही उन्होंने फाइव स्टार कल्चर का समापन किया था। ताकि पूंजीपति नेता संगठन पर अपनी धाक नहीं जमा पाएं। संगठन में पूंजीवाद हावी होने से जमीनी कार्यकर्ताओं और नेताओं को अनदेखा कर दिया है। लेकिन प्रियंका गांधी ने जैसे ही यूपी का प्रभार छोड़ा, तो संगठन में एक बार फिर से गुटबाजी और फाइव स्टार कल्चर की शुरूआत हो गई है।
लोकसभा सीट की टिकट की दावेदारी चल रहे नाम इंडिया गठबंधन में कानपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी। कानपुर लोकसभा सीट में सपा और बसपा का अस्तित्व नहीं है। टिकट की दावेदारी करने वालों में एआईसीसी सदस्य आलोक मिश्रा, पूर्व विधायक अजय कपूर, पूर्व प्रदेश सचिव विकास अवस्थी, महिला कांग्रेस कानपुर-बुंदेलखंड अध्यक्ष करिश्मा ठाकुर, पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी, व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक पवन गुप्ता, मदन मोहन शुल्क समेत कई नाम सामने आ रहे हैं।