दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में चल रहे लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान को बड़ी सफलता मिली है। इस अभियान से प्रभावित होकर चार माओवादी दंपत्ति सहित कुल चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें से चार नक्सली पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
कौन-कौन से नक्सली हुए सरेंडर
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में सुकमा निवासी 8 लाख के इनामी रीजनल कंपनी नंबर 02 के सदस्य हुंगा तामो उर्फ तामो सुर्या, उनकी पत्नी 8 लाख की इनामी आयती ताती, 3 लाख के इनामी उत्तर सब जोनल ब्यूरो सदस्य-राजनीतिक टीम सदस्य देवे उर्फ विज्जे वंजाम और एक लाख की ईनामी पूवर्ती आरपीसी केएएमएस (क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन) अध्यक्ष माड़वी आयते शामिल हैं।
कैसे हुआ आत्मसमर्पण
ये सभी नक्सली 22 सितंबर को पुलिस उप महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज कमलोचन कश्यप, पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा गौरव राय, एएसपी स्मृतिक राजनाला और एएसपी दंतेवाड़ा रामकुमार बर्मन के समक्ष पुलिस अधीक्षक कार्यालय दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण किए। इस पूरे ऑपरेशन में डीआरजी और बस्तर फाईटर्स दंतेवाड़ा का विशेष योगदान रहा।
सरेंडर करने के पीछे की वजह
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे लोन वर्राटू अभियान से काफी प्रभावित हुए हैं। इस अभियान के तहत सरकार द्वारा नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। इन्हीं सुविधाओं और सरकार के प्रति विश्वास के चलते उन्होंने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया।
सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाएं
सरकार द्वारा आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। उन्हें समाज में पुनर्वासित करने के लिए प्रोत्साहन-आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए व्यावसायिक प्रशिक्षण और आवास की सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी।