Site icon India & World Today | Latest | Breaking News –

Maa Kushmanda : सृष्टि की आदिशक्ति, नवरात्रि का चौथा स्वरूप

Maa Kushmanda : नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा को सृष्टि की आदि शक्ति माना जाता है। इनकी पूजा से भक्तों को मनोबल, आत्मविश्वास और सफलता मिलती है। मां सभी रोगों से मुक्ति, कष्टों का निवारण और मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं।

मां कूष्मांडा का स्वरूप

मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा भी कहा जाता है। मां के सात हाथों में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा होती है और आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला होती है। मां की पूजा में गुड़हल का फूल अर्पित किया जाता है। इससे मां कूष्मांडा जल्द प्रसन्न होती हैं।

मां कूष्मांडा की पूजा विधि

मां कूष्मांडा का मंत्र

मां कूष्मांडा की कथा

एक समय जब सृष्टि में अंधकार था, तब मां कूष्मांडा ने अपनी मुस्कान से ब्रह्मांड का निर्माण किया। मां कूष्मांडा सूर्यमंडल के भीतर लोक में निवास करती हैं। इनकी पूजा से भक्तों के सभी रोग-दुःख नष्ट हो जाते हैं।

Exit mobile version