Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ 2025 में हर दिन लाखों श्रद्धालु देश और दुनिया से संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। अगर आप भी कुंभ मेले में स्नान की योजना बना रहे हैं, तो कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है। संगम में स्नान के दौरान की गई गलतियां न केवल आपके पुण्य को व्यर्थ कर सकती हैं, बल्कि पाप के भागीदार भी बना सकती हैं।
महाकुंभ में इन गलतियों से बचें:
- गंदे कपड़ों में स्नान न करें
संगम में गंदे कपड़ों में स्नान करना मां गंगा का अपमान माना जाता है। ऐसा करने से कुंभ स्नान का पुण्य समाप्त हो जाता है। - साबुन, तेल या शैम्पू का उपयोग न करें
संगम में स्नान करते समय शरीर पर साबुन, तेल, या शैम्पू लगाने से बचें। इससे पवित्र नदियों का जल दूषित होता है और अन्य श्रद्धालुओं के लिए असुविधा उत्पन्न होती है। - गंगाजल को तौलिए से न पोंछें
स्नान के बाद अपने शरीर पर लगे गंगाजल को तौलिए या कपड़े से पोंछने की गलती न करें। इसे स्वाभाविक रूप से सूखने दें। गंगाजल को पोंछना मां गंगा का अपमान माना जाता है। - भिखारियों के साथ दयालुता से पेश आएं
कुंभ मेले में भिखारियों की संख्या अधिक होती है। उन्हें डांटकर भगाने के बजाय, अपनी क्षमता के अनुसार उन्हें दान दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
महाकुंभ की तिथियां और समापन
महाकुंभ 2025 की शुरुआत प्रयागराज में 13 जनवरी से हुई है और यह 45 दिनों तक चलेगा। इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पर्व पर होगा। संगम में स्नान करते समय इन बातों का ध्यान रखें और अपनी आस्था को सार्थक बनाएं।