रायपुर। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर विवादों में घिरी हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में रायपुर पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर पुलिस को “बेवकूफ” तक कह दिया और उन्हें भाजपा के दबाव में काम न करने की नसीहत दी।
महुआ का पलटवार
महुआ मोइत्रा ने अपने वीडियो संदेश की शुरुआत अमित शाह को “सम्माननीय गृह मंत्री” कहकर की। इसके बाद उन्होंने कहा कि अंग्रेजी या बंगाली में कही गई बातों का हिंदी में शाब्दिक अनुवाद हमेशा सही अर्थ नहीं देता। उन्होंने दावा किया कि उनका बयान एक बंगाली मुहावरा था, लेकिन उसका गलत अर्थ निकालकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
महुआ ने कहा, “मुहावरे बेवकूफों के लिए नहीं होते। रायपुर पुलिस ने भाजपा के आकाओं की बात सुनना बंद करना चाहिए। पिछली बार भी आपने मेरे खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। अब फिर वही हरकत कर रहे हैं। अदालतें इन फर्जी मुकदमों को पहचान लेती हैं और बाद में आपको सिर झुकाना पड़ता है।”
FIR दर्ज होने पर भड़कीं
दरअसल, 29 अगस्त को पत्रकारों ने महुआ मोइत्रा से राज्य में अवैध घुसपैठ को लेकर सवाल पूछा था। इस पर उन्होंने बेहद विवादित बयान दिया था। महुआ ने कहा था कि अगर सीमाओं की सुरक्षा सही ढंग से नहीं हो रही है और लाखों की संख्या में घुसपैठिए भारत में आ रहे हैं, तो “सबसे पहले अमित शाह का सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए।”
उनके इस बयान के बाद रायपुर पुलिस ने शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पुलिस का कहना है कि FIR शिकायतकर्ता के दिए साक्ष्यों और बयान की कॉपी के आधार पर दर्ज की गई है और मामले की जांच जारी है।
“अदालत में होगी लड़ाई”
एफआईआर से चिढ़ी महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह इस मामले को कोर्ट में चुनौती देंगी। “मेरे विरोधियों को हर बार शिकस्त मिली है, इस बार भी ऐसा ही होगा। भाजपा डराने-धमकाने का काम कर रही है, लेकिन मैं पीछे हटने वाली नहीं हूं।”
उन्होंने रायपुर पुलिस को टैग करते हुए लिखा, “आप भाजपा के आकाओं की सुनना बंद कर दीजिए, वरना केवल बदनामी ही मिलेगी।”
विवादों से पुराना नाता
यह पहली बार नहीं है जब महुआ मोइत्रा अपने बयानों की वजह से विवादों में आई हों। संसद और सार्वजनिक मंचों पर तीखी भाषा और सरकार पर व्यक्तिगत हमले करने के कारण वह पहले भी कई बार सुर्खियों में रह चुकी हैं। लेकिन इस बार उनका बयान सीधे केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ था, जिसने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।