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SECL की मलगांव भूमि अधिग्रहण परियोजना में बड़ा घोटाला, 152 ‘काल्पनिक मकानों’ के नाम पर बांटा गया मुआवजा

कटघोरा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के दीपका क्षेत्र में एसईसीएल (SECL) की विस्तार परियोजना के तहत मलगांव ग्राम में किए गए भूमि अधिग्रहण में बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रशासनिक जांच में खुलासा हुआ है कि मुआवजा सूची में शामिल 152 मकान दरअसल अस्तित्व में ही नहीं थे। इन सभी मकानों को ‘काल्पनिक’ घोषित करते हुए एसडीएम कटघोरा ने एसईसीएल प्रबंधन को मुआवजा निरस्त करने के लिए पत्र लिखा है।

गूगल अर्थ से हुई सच्चाई की पुष्टि
इस मामले की जांच का आदेश कोरबा कलेक्टर ने दिया था, जिसके तहत कटघोरा एसडीएम रोहित सिंह ने मलगांव में चिन्हांकित सभी परिसंपत्तियों की गहन जांच करवाई। मई 2025 में जब गांव का विस्थापन किया जा रहा था, तब यह संदेह जताया गया कि कुछ परिसंपत्तियां केवल कागजों में मौजूद हैं।

जांच के दौरान दो स्तरों पर यह खुलासा हुआ —

  1. एसईसीएल दीपका द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में 78 मकान ऐसे पाए गए जो मौके पर मौजूद नहीं थे।
  2. राजस्व अधिकारियों ने 74 मकानों की सूची दी, जिनके साथ वर्ष 2018 से 2022 तक के गूगल अर्थ से प्राप्त चित्र भी संलग्न थे। इन तस्वीरों के अवलोकन के बाद यह साफ हो गया कि ये 74 मकान भी कभी अस्तित्व में नहीं थे।

इस प्रकार कुल 152 मकान ‘काल्पनिक’ पाए गए, जिन पर सरकारी पैसे से मुआवजा स्वीकृत कर दिया गया था।

नकली दावेदारों से वसूली की तैयारी
कटघोरा एसडीएम रोहित सिंह ने इस मामले में आगे की कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि जिन लोगों को इन फर्जी मकानों के नाम पर मुआवजा भुगतान कर दिया गया है, उनसे अब रिकवरी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि SECL प्रबंधन को पत्र भेजकर सभी ‘फर्जी परिसंपत्तियों’ पर दिए गए मुआवजों को तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रशासन में हड़कंप
इस पूरे मामले ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि इतनी बड़ी संख्या में काल्पनिक मकानों को सूची में कैसे शामिल कर लिया गया। अब यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि इस गड़बड़ी के पीछे स्थानीय अधिकारियों और कुछ लाभार्थियों की मिलीभगत हो सकती है।

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