रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर से नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों और सरकार को बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर में बुधवार को 30 नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया। इनमें से 20 नक्सली इनामी थे, जिन पर कुल 81 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
सरकार की पुनर्वास नीति का असर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस आत्मसमर्पण को प्रदेश सरकार की नई पुनर्वास नीति, ‘नियद नेल्ला नार योजना’ और सुरक्षा बलों की लगातार चल रही कार्रवाई का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की रणनीति और जनता के सहयोग का ही परिणाम है कि माओवादी हिंसा छोड़कर बड़ी संख्या में नक्सली अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
केंद्र सरकार का सहयोग
सीएम साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की डबल इंजन की कोशिशों से बस्तर में विश्वास और शांति का माहौल बन रहा है। उनका कहना था कि बस्तर की जनता अब विकास की राह पर चलना चाहती है और इसी वजह से नक्सली संगठन लगातार कमजोर पड़ रहे हैं।
मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत का लक्ष्य
सीएम ने दावा किया कि आने वाले समय में नक्सल समस्या पर निर्णायक प्रहार होगा। उन्होंने कहा, “हमारी डबल इंजन की सरकार मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाने के संकल्प पर काम कर रही है। बस्तर अब तेजी से शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
इस आत्मसमर्पण को बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।