GEM पोर्टल टेंडर में बड़ा खेल! दुर्गकोंदल में मर्चुरी बॉक्स खरीदी में करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मेडिकल उपकरण खरीद में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। कांकेर जिले के दुर्गकोंदल ब्लॉक में पदस्थ ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी (BMO) मनोज किशोरे के कार्यकाल में मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स की खरीदी में गंभीर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। इस खरीदी में टेंडर प्रक्रिया को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ गई है।

7 अप्रैल 2025 को GEM पोर्टल (Government e-Marketplace) पर क्रमांक GEM/2025/B/6119475 के तहत 8 मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स खरीदने का टेंडर निकाला गया था। लेकिन इस टेंडर में सिर्फ एक ही ब्रांड – Infinity Mortuary Cabinet Box – को फिक्स कर तीन अलग-अलग फर्मों (मॉडल ग्रुप, नेशनल ट्रेडर और श्री ग्रुप ऑफ कंपनी) ने बिड डाली, जो एक ही ब्रांड और OEM से जुड़ी हैं। इससे यह संदेह गहराया कि टेंडर प्रक्रिया पहले से ही कुछ खास फर्मों के पक्ष में तय थी।

बाजार दर से दोगुने दाम में मिली मंजूरी
मूल्य को लेकर भी बड़ा घोटाला सामने आया है। जहां अन्य बिडर इस उपकरण को 11–12 लाख रुपये में उपलब्ध कराने को तैयार थे, वहीं चुने गए बिडर मॉडल ग्रुप ने 28.78 लाख प्रति यूनिट की दर से टेंडर प्राप्त किया। अन्य दो फर्मों नेशनल ट्रेडर और श्री ग्रुप ऑफ कंपनी ने क्रमशः 30.97 लाख और 32.53 लाख की बोली लगाई थी। यह कीमत बाजार दर से लगभग दोगुनी है।

प्रक्रिया में अपारदर्शिता, दस्तावेजों के नाम पर बिडर बाहर
सूत्रों के अनुसार, जिन बिडरों ने कम दर पर प्रस्ताव दिए थे, उन्हें दस्तावेज मूल्यांकन के दौरान अपात्र घोषित कर दिया गया। आरोप है कि आवश्यक दस्तावेज GEM पोर्टल पर अपलोड होने के बावजूद उन्हें केवल इसलिए खारिज कर दिया गया कि हार्ड कॉपी समय पर नहीं दी गई, जबकि जब बिडर हार्ड कॉपी लेकर पहुंचे, तब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

‘सुशासन तिहार’ के बीच पारदर्शिता पर सवाल
यह घोटाला ऐसे समय सामने आया है जब राज्य सरकार ‘सुशासन तिहार’ मना रही है और स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए DPDMIS पोर्टल सार्वजनिक किया गया है। वहीं CGMSC के 660 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच पहले से ही EOW-ACB कर रही है। अब यह नया मामला सरकारी सिस्टम में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है।

बिडरों की शिकायत, सरकार से हस्तक्षेप की मांग
प्रभावित बिडरों ने GEM पोर्टल के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्य सरकार और सुशासन तिहार के मंच पर इस भ्रष्टाचार की शिकायत करने की बात कही है। उनका कहना है कि जब तक ऐसी मनमानी प्रक्रियाएं नहीं रोकी जातीं, तब तक पारदर्शिता सिर्फ एक ढकोसला बनी रहेगी।

BMO मनोज किशोरे की सफाई
जब इस मामले में ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी मनोज किशोरे से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया, “टेंडर GEM पोर्टल पर नियमानुसार निकाला गया। L1, L2, L3 के अनुसार प्रक्रिया हुई और सबसे कम दर वाली फर्म को टेंडर मिला। मैन्युफैक्चरिंग या सम्बद्धता से जुड़ी जानकारी मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।”

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