बस्तर। छत्तीसगढ़ में नक्सल मुद्दे पर शांति वार्ता की संभावनाओं को लेकर माओवादियों ने अब अपना रुख सख्त कर लिया है। केंद्रीय समिति प्रवक्ता अभय और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर साफ कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में संगठन किसी भी हाल में हथियार नहीं छोड़ेगा।
प्रेस नोट में स्पष्ट किया गया है कि माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू द्वारा हाल ही में जारी किए गए शांति वार्ता संबंधी पत्र से केंद्रीय समिति का कोई संबंध नहीं है। समिति ने इसे सोनू की व्यक्तिगत राय बताते हुए उससे दूरी बना ली है।
बसवराजु के प्रयासों पर नाराज़गी
केंद्रीय समिति ने प्रेस नोट में यह भी आरोप लगाया कि शांति वार्ता को लेकर बसवराजु द्वारा किए गए प्रयासों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। समिति का कहना है कि शांति वार्ता पर राय जानने की कोशिश संगठन में फूट डालने जैसा है। माओवादियों का तर्क है कि अगर हथियारबंद संघर्ष को स्थायी रूप से छोड़ा गया, तो क्रांतिकारी पार्टी संशोधनवादी पार्टी में बदल जाएगी।