मराठा आरक्षण को लेकर पिछले कई सालों से चल रहा आंदोलन 27 जनवरी 2024 को आखिरकार समाप्त हो गया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जारांगे पाटिल से नवी मुंबई में मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान सीएम शिंदे ने मराठा आरक्षण के संबंध में मनोज जारांगे की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया और इस संबंध में एक अध्यादेश जारी किया।
इसके बाद मनोज जारांगे पाटिल ने अपना आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की और सीएम शिंदे ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया। यह मराठा आरक्षण आंदोलन में एक ऐतिहासिक क्षण था और मराठा समुदाय के लिए एक बड़ी जीत थी।
यह आंदोलन 2016 में शुरू हुआ था और तब से मराठा समुदाय शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा था। इस आंदोलन के दौरान कई प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की गईं, जिसमें कई लोग घायल भी हुए थे।
अंत में, 27 जनवरी 2024 को यह आंदोलन सफलतापूर्वक समाप्त हुआ और मराठा समुदाय को उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग मिल गई। यह आशा की जा सकती है कि यह अध्यादेश मराठा समुदाय के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।